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Showing posts from June, 2017

लिवर के रोगियों के लिए अमृत हैं ये 4 चीजे।

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लिवर हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग हैं। लिवर खराब होने पर शरीर की कार्य करने की क्षमता न के बराबर हो जाती है। आप अपने भोजन में नीचे बताई गयी 4 चीजो को शामिल करे और एक से तीन महीने में लिवर की बीमारियो में जैसे liver Cirrhosis, liver fibrosis, fatty liver, आदि बीमारियो में अपना रिजल्ट देखिये। आइये जाने इनके बारे में। 1. पपीता पपीता लीवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपचार में से एक है, विशेष रूप से लीवर सिरोसिस के लिए। हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं। इस बीमारी से पूरी तरह निजात पाने के लिए इस मिश्रण का सेवन तीन से चार सप्ताहों के लिए करें। 2. आंवला आंवला विटामिन सी के सबसे संपन्न स्रोतों में से एक है और इसका सेवन लीवर की कार्यशीलता को बनाये रखने में मदद करता है। अध्ययनों ने साबित किया है कि आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद हैं। लीवर के स्वास्थ्य के लिए आपको दिन में 4-5 कच्चे आंवले खाने चाहिए। 3. सेब का सिरका सेब का सिरका, लीवर...

सफेद पेठा

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आजकल सफेद पेठा क मिठाई प्रत्येक शहर में उपलब्ध होती है। पेठे का जूस अनेक रोगों में रामबाण औषधि का काम करता है। सफेद पेठा लोहा, कैल्शियम, सल्फर, फासफोरस एवं विटामिन-ए, बी, सी और ई से भरपूर है। विटामिन ई तो बहुत कम फलों, सब्जियों में मिलता है। इसमें प्रोटीन भी बहुत होता है। 100 ग्राम पेठे में 34 ग्राम प्रोटीन अतः पेठा परिपूर्ण है खनिज पदार्थों, विटामिनों और प्रोटीन से, ज्यादातर फलों और सब्जियों में प्रोटीन नहीं होता है। पेठे की तासीर शीतल होती है इसलिए सर्दी जुकाम, साइनस की समस्या होने पर इसका जूस नहीं पीना चाहिए।  1. हृदय रोगियों के लिए तो यह रामबाण है। पेठे का जूस पीने से अवरुध्द धमनियां भी खुल जाती हैं और आप बाइपास व एन्जीयोप्लास्टी से भी बच सकते हैं। पेठे का जूस पीने से अग्नाशय ठीक से काम करता है। मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण औषधि है।  2. शरीर में कहीं भी जलन हो पेट में, आंतों में, छाती में, पेशाब में, हाथ पैरों में, सिर में पेठे का जूस सभी जलन शांत करता है।  3. इसी प्रकार त्वचा के रोगों में जैसे फोड़े फुन्सियों, मुहांसों में पेठे का जूस पीना अति उत्तम है।...

कैसे एल्केलाइन पानी बनाऐं

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कैसे एल्केलाइन पानी बनाऐं ऐलकलाइज़्ड पानी (alkalized water) आजकल काफी प्रचलित है - और ऐसा क्यों है, यह समझ पाना कठिन नहीं। कई रिसर्च का कहना है कि ऐलकलाइज़्ड पानी आपके मेटाबोलिस्म को बढ़ाता है, आपके रक्त में अम्ल (ऐसिड) को नियंत्रित रखता है और खाने के पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित करने में मदद करता है। यह इसके अनेक फायदों में से कुछ हैं। नीचे बताये गए तरीकों से आप स्वयं अपने घर में ही पानी को ऐलकलाईज़ कर सकते हैं । 3की विधि 1: पानी का PH स्तर निर्धारित करना 1 पानी का PH स्तर निर्धारित करना:  पानी को ऐलकलाईज़ करने के पूर्व एवं पश्चात् आपको पानी का PH स्तर जाँच लेना चाहिए । ऐसा करने से आप यह जान पाएंगे कि आपको अपने पानी में कितना समायोजन करने की आवश्यकता है। स्वाभाविक रूप से पानी का PH ७ होता है, परन्तु पानी में पाए जाने वाली अशुद्धियाँ की वजह से PH का पैमाना बाईं तरफ (अधिक ऐसिडिक) झुक जाता है । शुद्ध पेयजल का PH स्तर 8 या 9 होता है, जिसे पानी ऐलकलाईजिंग के माध्यम से हासिल किया जा सकता है। [१] 2 एक PH किट खरीदें:  अधिकतम स्वास्थ्य केन्द्रों में ...