सफ़ेद मूसली पुरुष रोगों में रामबाण औषिधि.

वियाग्रा और जिन्सेंग से कहीं बढ़कर है भारतीय सफ़ेद मूसली. आयुर्वेद में सदियों से ही इसका उपयोग कमजोरी से ग्रस्त रोगियों के लिए किया जाता रहा है. मुसली के पौधे की जड़ मूसल के समान होती और इसका रंग सफ़ेद होता है इसलिए इसे मुस्ली या मूसली कहा जाता है। यह बहुत ही जानी मानी हर्ब है जिसे बहुत सी बिमारियों, मुख्यतः पुरूषों के यौन रोगों male sexual diseases, के उपचार में प्रयोग किया जाता है। इसका कोई साइड-इफेक्ट नहीं होता है। ये एक वाजीकारक aphrodisiac दवा है। सारी दुनिया में सफेद मूसली की बहुत मांग है। भारत में आजकल इसकी बड़े पैमाने पर खेती भी होने लगी है. भारत में मुख्य रूप से इसकी खेती राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में की जाती है। मुसली की जड़ या कन्द को जमीन से खोद के निकला जाता है और साफ़ करके सुखा लिया जाता है। फिर इसका पाउडर बना कर दवा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। मुस्ली का पाक, चूर्ण, या अन्य जड़ी-बूटियों के साथ योग बनाकर प्रयोग किया जाता है : वानस्पतिक नाम : Chlorophytum Borivilianum पारिवारिक नाम : Liliaceae दवा के रूप में हिस्सा इस्तेमाल : जड़, कन्द पर्यावास : उत्तरी ...