मिट्टी के बर्तन

पहले धातुओं में पीतलकाँसाचाँदी के बर्तन ही चला करते थे और बाकी मिट्टी के बर्तन

चलते थे  हमारे पूर्वजो ने कभी भी एल्युनिनियम के बर्तनो का प्रयोग नही किया |

एल्युमिनियम के बर्तन के उपयोग से कई तरहके गंभीर रोग होते है  जैसे अस्थमाबात 

रोगटी बीशुगरदमा आदि  पुराने समय मेंकाँसा और पीतल के बर्तन होते थे जो जो 

स्वास्थ के लिए अच्छे मने जाते है  यदिसम्भव हो तो वही बर्तन फिर से ले कर आयें  

हमारे
 पुराने वैज्ञानिकों को मालूम था कीएल्युमिनिय बोक्साईट से बनता है और भारतमें 

इसकी भरपूर खदाने हैंफिर भी उन्होंनेएल्युमिनियम के बर्तन नहीं बनाये क्योंकि यह 

भोजन बनाने और खाना खाने के लिए सबसेघटिया धातु है  इससे अस्थमाटी बीदमा

बातरोग में बढावा मिलता है  इसलिएएल्युमिनियम के बर्तनों का उपयोग बन्द करें  
कुछ लोग कहेंगे कि हम तो कई साल से इसमेंखा रहे है , इसका melting point ज्यादा है 

वैगेरह वैगहर तो उनके लिए जवाब है कि हमारेपुराने वैज्ञानिकों (पूर्वजोंको मालूम था की 

एल्युमिनिय बोक्साईट से बनता है और भारतमें इसकी भरपूर खदाने हैंफिर भी उन्होंने 

एल्युमिनियम के बर्तन नहीं बनाये क्योंकिउनको यह पता था कि यह भोजन बनाने और 

खाना खाने के लिए सबसे घटिया धातु है 

एलुमिनियम को बंद करके पीतलकांसातांबेतथा मिट्टी के बर्तनो का प्रयोग किजिएमिट्टी 

के बर्तन में जो भोजन पकता है उसमे सुक्ष्मपोषक तत्वों (Micronutrients) की कमीनही 

होती ,हमारे शरीर को प्रतिदिन 18 प्रकार केसुक्ष्म पौषक तत्त्व चाहिये जो मिट्टी से ही आते 

है। जैसे Calcium, Magnesium, Sulfur, Iron, Silicon, Cobalt, Gypsum - आदि। 

स्टील के बर्तन एल्युमिनियम से कम हानि करतेहै अगर आपको अपने स्वास्थय की चिन्ता 

है तो पीतलकांसे तथा मिट्टी के बर्तन ही प्रयोगकरे

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