जानिये शतावरी के 10 अचूक स्‍वास्‍थ्‍य लाभ

शतावरी एक औषधीय पौधा है जिसका उल्‍लेख आयुर्वेद में किया गया है। इसका वनस्पती नाम है ऍस्पारॅगस रेसमोसस। शतावरी में ऐसे अनेको गुण छुपे हुए हैं जो आपकी हर एक बीमारी को यूं गायब कर सकता है।

यह पौधा तमाम तरह के स्‍त्री रोगों जैसे बांझपन, गर्भपात या नई नवेली मां में दूध की कमी को पूरा करता है। आयुर्वेद में शतावरी की पत्‍तियों और जड़ों को शुक्रजनन, शीतल ,मधुर एवं दिव्य रसायन माना गया है।

परंपरागत रूप से शतावरी को महिलाओं की जड़ी बूटी माना गया है, हांलाकि यह पौधा पुरुषों के हार्मोन लेवल को बढ़ा कर उनकी कामुकता में भी इजाफा कर सकता है। आइये जानते हैं कि शतावरी हमें कौन - कौन से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ पहुंचाता है।

प्रसूता माता को यदि दूध नहीं आ रहा हो या कम आता हो तो शतावरी की जड़ों के चूर्ण का सेवन दिन में कम से कम चार बार अवश्य करना चाहिए।

महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान अतिरिक्त पानी की वजह से जो वजन बढ़ता है शतावरी उसे कम करती है।

कहा जाता है कि शतावरी की जड़ों के चूर्ण का सेवन बगैर शक्‍करयुक्‍त दूध के साथ नियमित लिया जाए तो यह काफी फायदेमंद होगा।

अगर पेशाब में खून आने की समस्‍या है तो शतावरी का सेवन नियमित रूप से करें।


शतावरी काफी ठंडी होती है इसलिये यह बुखार, जलन और पेट के अल्‍सर को दूर कर सकती है।

यह जड़ी-बूटी हैजा, टाइफाइड बुखार, ई.कोलाई आदि से लड़ सकती है। ये बैक्‍टीरिया शरीर में डायरिया और मतली पैदा करते हैं।

शतावरी में विटामिन ए होता है जो कि त्‍वचा की सुंदरता को निखारता है। यह चेहरे से झुर्रियों को मिटाता है।

शतावरी की ताजी जड़ को मोटा-मोटा कुट लें, इसका स्वरस निकालें और इसमें बराबर मात्रा में तिल का तेल मिलाकर पका लें। इस तेल को माइग्रेन जैसे सिरदर्द में लगाएं और लाभ देखें।

यह गर्भ को पूरी तरह से पोषण पहुंचा कर प्रजनन दर को बढ़ाता है।

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