लिवर के रोगियों के लिए अमृत हैं ये 4 चीजे।

लिवर हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग हैं। लिवर खराब होने पर शरीर की कार्य करने की क्षमता न के बराबर हो जाती है। आप अपने भोजन में नीचे बताई गयी 4 चीजो को शामिल करे और एक से तीन महीने में लिवर की बीमारियो में जैसे liver Cirrhosis, liver fibrosis, fatty liver, आदि बीमारियो में अपना रिजल्ट देखिये। आइये जाने इनके बारे में।

1. पपीता

पपीता लीवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपचार में से एक है, विशेष रूप से लीवर सिरोसिस के लिए। हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं। इस बीमारी से पूरी तरह निजात पाने के लिए इस मिश्रण का सेवन तीन से चार सप्ताहों के लिए करें।

2. आंवला

आंवला विटामिन सी के सबसे संपन्न स्रोतों में से एक है और इसका सेवन लीवर की कार्यशीलता को बनाये रखने में मदद करता है। अध्ययनों ने साबित किया है कि आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद हैं। लीवर के स्वास्थ्य के लिए आपको दिन में 4-5 कच्चे आंवले खाने चाहिए।

3. सेब का सिरका

सेब का सिरका, लीवर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। भोजन से पहले सेब के सिरके को पीने से शरीर की चर्बी घटती है। सेब के सिरके को आप कई तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं- एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं, या इस मिश्रण में एक चम्मच शहद मिलाएं। इस मिश्रण को दिन में दो से तीन बार लें।

4. निम्बू

एक कागजी निम्बू (अच्छा पका हुआ) लेकर उसके दो टुकड़े कर ले। फिर बीज निकालकर आधे निम्बू के बिना काटे चार भाग करें पर टुकड़े अलग- अलग न हो। तत्पशचात एक भाग में काली मिर्च का चूर्ण, दूसरे में काला नमक (अथवा सेंधा नमक) तीसरे में सोंठ का चूर्ण और चौथे में मिश्री का चूर्ण (या शककर) भर दे। रात को प्लेट में रखकर ढक दे। प्रात: भोजन करने से एक घंटे पहले इस निम्बू की फांक को मंदी आंच या तवे पर गर्म करके चूस ले।
सो ग्राम पानी में आधा निम्बू निचोड़कर नमक डालें (चीनी मत डाले) और इसे दिन में तीन बार पीने से जिगर की खराबी ठीक होती हैं।

सावधानी।

दो सप्ताह तक चीनी अथवा मीठा का इस्तमाल न करे। अगर दूध मीठा पीते हो तो चीनी के बजाए दूध में चार-पांच मुनक्का डाल कर मीठा कर ले। रोटी भी कम खाए। अच्छा तो यह है की जब उपचार चल रहा हो तो रोटी बिलकुल न खाकर सब्जिया और फल से ही गुजारा कर ले। सब्जी में मसाला न डालें। टमाटर, पालक, गाजर, बथुआ, करेला, लोकी, आदि शाक-सब्जियां और पपीता, आंवला, जामुन, सेब, आलूबुखारा, लीची आदि फल तथा छाछ आदि का अधिक प्रयोग करें। घी और तली वस्तुओं का प्रयोग कम से कम करें। पंद्रह दिन में इस प्रयोग के साथ जिगर ठीक हो जायेगा।

लिवर की सभी समस्याओं का रामबाण इलाज निम्बू।

यकृत के विकार ( जिगर की खराबी )

Liver Disease, Fatty or Cirrhosis .

अगर आपका लिवर छोटा (Liver Cirrhosis) , कठोर हैं, सूजा(Fatty Liver) हुआ हैं। तो ये प्रयोग ऐसे cases में अचूक हैं। अगर आप अनेक दवाये खा खा कर परेशान हो गए हैं तो ये साधारण दिखने  वाला प्रयोग आपके लिए अचूक हैं। एक बार इसको ज़रूर अपनाये।

प्रयोग इस प्रकार हैं।

एक कागजी निम्बू (अच्छा पका हुआ) लेकर उसके दो टुकड़े कर ले। फिर बीज निकालकर आधे निम्बू के बिना काटे चार भाग करें पर टुकड़े अलग- अलग न हो। तत्पशचात एक भाग में काली मिर्च का चूर्ण, दूसरे में काला नमक (अथवा सेंधा नमक) तीसरे में सोंठ का चूर्ण और चौथे में मिश्री का चूर्ण (या शककर) भर दे। रात को प्लेट में रखकर ढक दे। प्रात: भोजन करने से एक घंटे पहले इस निम्बू की फांक को मंदी आंच या तवे पर गर्म करके चूस ले।

इस प्रयोग से होने वाले लाभ।

1. आवश्यकता अनुसार सात दिन से इक्कीस दिन लेने से लीवर सही होगा।
2. इससे यकृत विकार ठीक होने के साथ पेट दर्द और मुंह का जायका ठीक होगा।
3. यकृत के कठोर और छोटा होने के रोग (Cirrhosis of the liver) में अचूक है। पुराना मलेरिया, ज्वर, कुनैन या पारा के दुर्व्यवहार, अधिक मधपान, अधिक मिठाई खाना, अमेबिक पेचिश के रोगाणु का यकृत में प्रवेश आदि कारणों से यकृत रोगो की उत्पत्ति होती हैं। बुखार ठीक होने के बाद भी यकृत की बीमारी बनी रहती है और यकृत कठोर और पहले से बड़ा हो जाता हैं। रोग के घातक रूप ले लेने से यकृत का संकोचन (Cirrhosis of the liver) होता है। यकृत रोगो में आँखों व चेहरा रक्तहीन, जीभ सफ़ेद, रक्ताल्पता, नीली नसे, कमजोरी, कब्ज, गैस और बिगड़ा स्वाद, दाहिने कंधे के पीछे दर्द, शौच आंवयुक्त कीचड़ जैसा होना, आदि लक्षण प्रतीत होते है।

सावधानी।

दो सप्ताह तक चीनी अथवा मीठा का इस्तमाल न करे। अगर दूध मीठा पीते हो तो चीनी के बजाए दूध में चार-पांच मुनक्का डाल कर मीठा कर ले। रोटी भी कम खाए। अच्छा तो यह है की जब उपचार चल रहा हो तो रोटी बिलकुल न खाकर सब्जिया और फल से ही गुजारा कर ले। सब्जी में मसाला न डालें। टमाटर, पालक, गाजर, बथुआ, करेला, लोकी, आदि शाक-सब्जियां और पपीता, आंवला, जामुन, सेब, आलूबुखारा, लीची आदि फल तथा छाछ आदि का अधिक प्रयोग करें। घी और तली वस्तुओं का प्रयोग कम से कम करें। पंद्रह दिन में इस प्रयोग के साथ जिगर ठीक हो जायेगा।

इसके साथ ये सहायक उपचार ज़रूर करे।

1. जिगर के संकोचन (Liver Cirrhosis) में दिन में दो बार प्याज खाते रहने से भी लाभ होता है।
2. जिगर रोगो में छाछ ( हींग का बगार देकर, जीरा काली मिर्च और नमक मिलाकर ) दोपहर के भोजन के बाद सेवन करना बहुत लाभप्रद है।
3. आंवलों का रस 25 ग्राम या सूखे आंवलों का चूर्ण चार ग्राम पानी के साथ, दिन में तीन बार सेवन करने से पंद्रह से बीस दिन में यकृत के सारे दोष दूर हो जाते है।
4. एक सो ग्राम पानी में आधा निम्बू निचोड़कर नमक डालें (चीनी मत डाले) और इसे दिन में तीन बार पीने से जिगर की खराबी ठीक होती हैं।
5. जामुन के मौसम में 200-300 ग्राम बढ़िया और पके हुए जामुन प्रतिदिन खाली पेट खाने से जिगर की खराबी दूर हो जाती है।

[Read. हेल्दी लिवर के लिए ज़रूर पिएं ये जूस।]


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