अलसी के फायदे और नुकसान – Flaxseed Benefits and Side Effects
अलसी के बीज मनुष्य द्वारा खाये जाने वाले सबसे पुराने खाद्य पदार्थों में से एक हैं। आज अलसी पूरे विश्व में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसका अखरोट जैसा स्वाद और सुगंध बहुत सारे लागों द्वारा पसंद किया जाता है। अलसी के बीज की लोकप्रियता के पीछे का कारण इसके पोषक एवं कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने वाले तत्व भी हैं। अलसी के बीज में तीन सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं – ओमेगा -3 फैटी एसिड, लिगनन और म्यूसिलेज। इसके अलावा, अलसी के बीज विटामिन बी 1, प्रोटीन, तांबा, मैंगनीज, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक और सेलेनियम के साथ-साथ दोनों घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से युक्त हैं। अलसी के बीज लस मुक्त भी होते हैं, तो यदि आपको गेहूं से एलर्जी हैं, तो अलसी के बीज आपके लिए एक मूल्यवान विकल्प हैं। अलसी बाज़ार में दो मुख्य रूप से उपलब्ध है – पीले और सुनहरे भूरे रंग। यह आसानी से साबुत, पिसे हुए, तेल या पूरक के रूप में बाजार में उपलब्ध है।
अलसी के दैनिक सेवन से टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर में सुधार लाया जा सकता है। विज्ञान पब्लिक लाइब्रेरी में प्रकाशित 2007 के एक अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग 12 हफ्तों के लिए अलसी के लीज के सप्लीमेंट का सेवन करते हैं, उनके रक्त-शर्करा के स्तर पर सकरात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसके अलावा, अलसी के बीजों में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड के साथ-साथ प्रोटीन और फाइबर भी शामिल है जो उच्च रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए बहुत सक्षम है।
अपनी दवाइयों के साथ अलसी के बीज का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) या फिर कम रक्त-शर्करा के स्तर से बचने के लिए निरंतर अपने रक्त-शर्करा के स्तर की जांच करते रहें।
अलसी का सेवन करे पाचन शक्ति में सुधार – Flaxseed for Digestion in Hindi
अलसी के बीज फाइबर से निहित होते हैं जो स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए आवश्यक हैं। यह आंतों के माध्यम से भोजन को जाने में मदद करते हैं। इसके अलावा जठरांत्र (gastrointestinal) स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
अलसी के बीज और तेल दोनों ही प्राकृतिक रेचक के रूप में कार्य करते हैं और कब्ज़ से राहत दिलाने में सहायक हैं। चूँकि यह फाइबर-युक्त हैं, अलसी के बीज के दुष्प्रभाव से बचने के लिए, इसका सेवन करने के साथ-साथ उच्च मात्रा में पानी भी पीना चाहिए।
अलसी बीज बेनिफिट्स विषाक्त पदार्थों की मुक्ति के लिए – Flax Seeds for Detox in Hindi
अपने शरीर को डिटॉक्सिफ़िकेशन करने का सबसे मुख्य उद्देश्य विषाक्त पदार्थों, कोलेस्ट्रॉल और अन्य अपशिष्ट उत्पादों का लिवर से निकास करना है। अलसी के बीज दोनों घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से निहित हैं जो आंत्र पथ (intestinal tract) से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में बहुत प्रभावी हैं।
इसके अलावा, अलसी में आवश्यक फैटी एसिड, विशेष रूप से ओमेगा -3 फैटी एसिड शामिल है जो विषाक्त पदार्थों की सफाई के लिए आवश्यक और एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में सहायक है।
जब शरीर विषाक्त पदार्थों से मुक्त होता है तब थकान, कमजोरी, सूजन और रक्त-संकुलन से पीड़ित होने की संभावना कम हो जाती है।
आप डिटॉक्सिफिकेशन के लिए दोनों साबुत या फिर पिसे हुए अलसी के बीज का उपयोग कर सकते हैं। रात भर एक कप पानी में साबुत अलसी के बीज का 1 चम्मच भिगाने के लिए छोड़ दें। अगली सुबह, दोनों बीज एवं पानी का उपभोग करें। 2 सप्ताह के लिए दैनिक दोहराएँ।
अलसी के तेल की मालिश है बालों की समस्याओं का समाधान – Flaxseed for Hair Growth in Hindi
अलसी के बीज ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं जो बालों के रोम को पोषित कर बालों को मजबूत और स्वस्थ बनाते हैं। अलसी के बीज में विटामिन ई बालों की जड़ों और सिर की त्वचा को पोषण प्रदान करते हैं और झड़ते हुए बालों और गंजेपन को रोकने में मदद करते हैं। यह सोरायसिस (Psoriasis) से संबंधित बालों के झड़ने से उबरने में भी लोगों की मदद कर सकते हैं। पिसे हुए अलसी के बीज या फिर उसके तेल को अपने दैनिक आहार में शामिल करें और बालों को स्वस्थ व मजबूत बनाएँ। घुंघराले बाल वाले इसके जैल का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो अलसी के बीज को पानी में उबाल कर बनाया जाता है
अलसी के गुण लाए त्वचा में सुधार – Flaxseed for Skin in Hindi
अलसी और अलसी के तेल में समाविष्ट विटामिन बी और स्वस्थ वसा त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं। अलसी के बीज सूखेपन को कम करने में सक्षम हैं और मुँहासे, एक्जिमा, त्वचा एलर्जी और धूप की कालिमा जैसे त्वचा-सम्बंधित विकारों के लक्षणों में सुधार ला सकते हैं।
अलसी में उत्तम एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हैं जो त्वचा में जलन, चकत्ते, ऊतक सूजन और लालिमा को कम करने में सहायक हैं। इसके अलावा, अलसी में ओमेगा -3 फैटी एसिड आपकी त्वचा को हाइड्रेटेड और चमकदार रखने में मदद करता है। यह त्वचा घावों के उपचार में तेजी लाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
एक आवश्यक तेल (essential oil) की कुछ बूंदों के साथ अलसी का तेल मिलाकर एक प्राकृतिक त्वचा मॉइस्चराइजर के रूप में इस्तेमाल करें। इसके अलावा, स्वस्थ और जवां त्वचा के लिए अपने दैनिक आहार में अलसी को शामिल करें।
अलसी के दैनिक सेवन से टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर में सुधार लाया जा सकता है। विज्ञान पब्लिक लाइब्रेरी में प्रकाशित 2007 के एक अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग 12 हफ्तों के लिए अलसी के लीज के सप्लीमेंट का सेवन करते हैं, उनके रक्त-शर्करा के स्तर पर सकरात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसके अलावा, अलसी के बीजों में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड के साथ-साथ प्रोटीन और फाइबर भी शामिल है जो उच्च रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए बहुत सक्षम है।
अपनी दवाइयों के साथ अलसी के बीज का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) या फिर कम रक्त-शर्करा के स्तर से बचने के लिए निरंतर अपने रक्त-शर्करा के स्तर की जांच करते रहें।
अलसी का सेवन करे पाचन शक्ति में सुधार – Flaxseed for Digestion in Hindi
अलसी के बीज फाइबर से निहित होते हैं जो स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए आवश्यक हैं। यह आंतों के माध्यम से भोजन को जाने में मदद करते हैं। इसके अलावा जठरांत्र (gastrointestinal) स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
अलसी के बीज और तेल दोनों ही प्राकृतिक रेचक के रूप में कार्य करते हैं और कब्ज़ से राहत दिलाने में सहायक हैं। चूँकि यह फाइबर-युक्त हैं, अलसी के बीज के दुष्प्रभाव से बचने के लिए, इसका सेवन करने के साथ-साथ उच्च मात्रा में पानी भी पीना चाहिए।
अलसी बीज बेनिफिट्स विषाक्त पदार्थों की मुक्ति के लिए – Flax Seeds for Detox in Hindi
अपने शरीर को डिटॉक्सिफ़िकेशन करने का सबसे मुख्य उद्देश्य विषाक्त पदार्थों, कोलेस्ट्रॉल और अन्य अपशिष्ट उत्पादों का लिवर से निकास करना है। अलसी के बीज दोनों घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से निहित हैं जो आंत्र पथ (intestinal tract) से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में बहुत प्रभावी हैं।
इसके अलावा, अलसी में आवश्यक फैटी एसिड, विशेष रूप से ओमेगा -3 फैटी एसिड शामिल है जो विषाक्त पदार्थों की सफाई के लिए आवश्यक और एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में सहायक है।
जब शरीर विषाक्त पदार्थों से मुक्त होता है तब थकान, कमजोरी, सूजन और रक्त-संकुलन से पीड़ित होने की संभावना कम हो जाती है।
आप डिटॉक्सिफिकेशन के लिए दोनों साबुत या फिर पिसे हुए अलसी के बीज का उपयोग कर सकते हैं। रात भर एक कप पानी में साबुत अलसी के बीज का 1 चम्मच भिगाने के लिए छोड़ दें। अगली सुबह, दोनों बीज एवं पानी का उपभोग करें। 2 सप्ताह के लिए दैनिक दोहराएँ।
अलसी के तेल की मालिश है बालों की समस्याओं का समाधान – Flaxseed for Hair Growth in Hindi
अलसी के बीज ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं जो बालों के रोम को पोषित कर बालों को मजबूत और स्वस्थ बनाते हैं। अलसी के बीज में विटामिन ई बालों की जड़ों और सिर की त्वचा को पोषण प्रदान करते हैं और झड़ते हुए बालों और गंजेपन को रोकने में मदद करते हैं। यह सोरायसिस (Psoriasis) से संबंधित बालों के झड़ने से उबरने में भी लोगों की मदद कर सकते हैं। पिसे हुए अलसी के बीज या फिर उसके तेल को अपने दैनिक आहार में शामिल करें और बालों को स्वस्थ व मजबूत बनाएँ। घुंघराले बाल वाले इसके जैल का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो अलसी के बीज को पानी में उबाल कर बनाया जाता है
अलसी के गुण लाए त्वचा में सुधार – Flaxseed for Skin in Hindi
अलसी और अलसी के तेल में समाविष्ट विटामिन बी और स्वस्थ वसा त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं। अलसी के बीज सूखेपन को कम करने में सक्षम हैं और मुँहासे, एक्जिमा, त्वचा एलर्जी और धूप की कालिमा जैसे त्वचा-सम्बंधित विकारों के लक्षणों में सुधार ला सकते हैं।
अलसी में उत्तम एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हैं जो त्वचा में जलन, चकत्ते, ऊतक सूजन और लालिमा को कम करने में सहायक हैं। इसके अलावा, अलसी में ओमेगा -3 फैटी एसिड आपकी त्वचा को हाइड्रेटेड और चमकदार रखने में मदद करता है। यह त्वचा घावों के उपचार में तेजी लाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
एक आवश्यक तेल (essential oil) की कुछ बूंदों के साथ अलसी का तेल मिलाकर एक प्राकृतिक त्वचा मॉइस्चराइजर के रूप में इस्तेमाल करें। इसके अलावा, स्वस्थ और जवां त्वचा के लिए अपने दैनिक आहार में अलसी को शामिल करें।
अलसी के नुकसान – Alsi ke Nuksan in Hindi
गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करा रही महिलाओं को pise हुए अलसी के बीज या फिर अलसी के तेल की खुराक लेने से बचना चाहिए।
रक्त को पतला करने वाली दवाई का सेवन कर रहे लोगों को इसका सेवन अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर ही करना चाहिए क्योंकि यह रक्तस्राव के खतरे को बढ़ा सकता है। प्रोस्टेट कैंसर, उच्च ट्राइग्लिसराइड्स, हाइपोथायरायडिज्म, और हार्मोन के प्रति संवेदनशील स्थितियों से पीड़ित लोगों को भी सावधानी के साथ अलसी के बीज का सेवन करना चाहिए।
मधुमेह दवा के साथ-साथ अलसी के बीज का प्रयोग करते समय रक्त में शर्करा के स्तर की जांच करते रहें।
क्योंकि अलसी के बीज में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है, स्वास्थ्य उद्देश्यों के लिए अलसी के बीज का सेवन करते समय पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए अन्यथा यह जठरांत्र (gastrointestinal) पर दुष्प्रभाव डाल सकते हैं।
अलसी के बीज का उच्च मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि यह आंतो में रुकावट पैदा कर सकता है।
अलसी का अधिक मात्रा में सेवन एलर्जिक रिऐक्शन (एलर्जी की प्रतिक्रिया) का कारण भी बन सकता है।
Comments
Post a Comment