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Showing posts from March, 2017

इनकम टैक्‍स के बोझ से अगर चाहते हैं बचना, तो अपनाएं टैक्‍स फ्री कमाई के ये तरीकें

नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल एकाउंट पर मिलने वाला ब्याज भारत में 100 फीसदी टैक्स फ्री होता है। अगर वॉलेंटरी रिटायरमेंट स्कीम ली है तो 5 लाख रुपए तक की प्राप्त राशि टैक्स फ्री होती है। ईपीएफ एकाउंट से मिलने वाली राशि टैक्स फ्री होती है, लेकिन यह सर्विस के 5 वर्ष के बाद की गई निकासी पर योग्य होता है। स्टॉक या फिर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर मिलेन वाला लाभांश टैक्स फ्री होता है। शादी पर उपहार के रूप में मिलने वाली राशि और कीमती चीजें भी टैक्स फ्री होती हैं। नई दिल्‍ली।  बहुत से लोगों को इनकम टैक्‍स ( Income Tax ) का नाम सुनकर ही बुखार आ जाता है। हर कोई इनकम टैक्‍स बचाने की कोशिश करता है। इसके लिए हर रोज नए-नए तरीके और उपाय खोजे जाते हैं, बहुत से लोगों का आधे से ज्‍यादा समय  टैक्‍स  बचाने की युक्ति खोजने में ही निकल जाता है। इंडिया टीवी पैसा की टीम आज इसी समस्‍या के अंतर्गत अपने पाठकों को बताने जा रही है ऐसी कुछ इनकम के बारे में, जो हैं पूरी तरह से 100 फीसदी टैक्‍स फ्री। जानिए हेयर फॉल से लेकर हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल करनेवाली मूली के 10 फ़ायदे सेहत के लिए बेस्ट ब्रोकोली ...

Save Tax on Salary: सैलरी पर इनकम टैक्‍स बचाने के ये हैं तरीकें, आप भी जान लीजिए इन्‍हें

नई दिल्ली।  अधिकांश लोगों को सबसे ज्यादा चिंता अपनी  सैलरी  पर लगने वाले  टैक्स  की होती है। सैलरी पर लगने वाले टैक्स के बारे में कम लोग ही जानते हैं। इंडिया टीवी पैसा की टीम आज आपको इस स्टोरी के माध्यम से यह बताने जा रही है कि कौन-कौन से अलाउंस होते हैं, जिनकी मदद से आप टैक्‍स में छूट हासिल कर सकते हैं। क्या है छूट और कटौती के बीच में अंतर- एक निश्चित रकम इनकम टैक्‍स से मुक्‍त होती है। इस छूट के बाद जो भी रकम शेष बचती है उसे टैक्सेबल इनकम कहा जाता है। छूट के दायरे में आई हुई इनकम कभी भी कुल इनकम से ज्यादा नहीं होती। टैक्‍सेबल इनकम में से कुछ राशि टैक्‍स कटौती का लाभ पाने के लिए इस्‍तेमाल की जाती है। यह कटौती आपकी इनकम से कम, ज्यादा या उसके बराबर भी हो सकती है। सैलरी पर टैक्स बचाने के लिए अलाउंस – 1. मोबाइल या टेलिफोन रिम्बर्समेंट-  अगर आपको नियोक्ता काम के लिए आपको मोबाइल, टेलिफोन या इंटरनेट कनेक्शन दे रहा है तो आप 100 फीसदी टैक्‍स छूट क्लेम की मांग कर सकते हैं। इसके लिए आपको बिल पेश करना होगा। इसके लिए केवल पोस्टपेड कनेक्शन ही वैध हैं। 2. मे...

इनकम टैक्‍स रिटर्न न भरने वालों पर जुर्माना लगाएं, मुकदमा शुरू करें: कर विभाग

नई दिल्ली।   इनकम टैक्‍स  रिटर्न न भरने वालों की संख्या में भारी बढ़ोतरी को देखते हुए इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट ने अपने अधिकारियों से कहा कि वे ऐसे मामलों में जुर्माना लगाएं और कार्रवाई शुरू करें ताकि अनुपालन सुनिश्चित हो सके। साल 2015 में ऐसे लोगों की संख्या बढ़कर 58.95 लाख हो गई, जिन पर टैक्‍स उत्तरदायित्व है और उन्होंने रिटर्न न भरा हो। 2014 में रिटर्न न भरने वालों की संख्या 22.09 लाख थी। रिटर्न न भरने वालों की तादाद 2013 में 12.19 लाख थी। टैक्‍स अधिकारियों के हाल में हुए सम्मेलन में पेश 2016-17 की इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट की केंद्रीय कार्ययोजना में कहा गया कि टैक्‍स का दायरा बढ़ाने के लिए संभावित टैक्‍स उत्तरदायित्व वाले रिटर्न न भरने वाले चिह्नित लोगों से नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाना चाहिए। इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट ने संभावित टैक्‍स उत्तरदायित्व और रिटर्न न भरने वालों पर पहल को प्राथमिकता प्रदान करने की प्रायोगिक योजना के तौर इनकी निगरानी के लिए एनएमएस (रिटर्न न भरने वालों के लिए निगरानी प्रणाली) लागू की है। ये आंकड़े एनएमएस द्वारा तैयार किए गए हैं। इसम...

आप खुद भर सकते हैं अपना इनकम टैक्‍स रिटर्न, ये है फाइलिंग की स्‍टेप बाई स्‍टेप प्रक्रिया

वेतनभोगी कर्मचारियों व छोटे व्यवसायियों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट ने अलग अलग आय स्रोतों के आधार पर अलग अलग आईटीआर फॉर्म नोटिफाई किए हैं। इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए फार्म 16 के साथ फार्म 26एएस व बैंक स्टेटमेंट की भी जरूरत पड़ेगी। सेविंग बैंक व फिक्स्ड डिपाजिट पर मिलने वाला कुल ब्याज आपको अदर सोर्स में भरना होगा। नई दिल्ली।  नौकरीपेशा लोगों के लिए  इनकम टैक्‍स रिटर्न  फाइल करने की तारीख अब नजदीक आ रही है। वेतनभोगी कर्मचारियों व छोटे व्यवसायियों के लिए  इनकम टैक्स  रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। पूरी संभावना है कि आपको अपनी कंपनी के एचआर की ओर से फॉर्म 16 भी मिल चुका होगा। लेकिन वे लोग जिन्‍होंने इसी साल नौकरी की शुरूआत की है या पहली बार रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं, उनके सामने अब यही सवाल होगा कि अब आगे क्‍या करें। देखा जाए तो आज के समय में टैक्‍स रिटर्न फाइल करना कठिन काम नहीं है। ज्‍यादातर लोग चार्टेड अकाउंटेंट व टैक्स कंसल्टेंट की मदद लेते हैं, लेकिन इसके लिए आपको एक्‍स्...

पपीते के बीज चबाने के ये फायदे आपको हैरत में डाल देंगे

पपीते से होने वाले फायदों के बारे में हम सभी जानते हैं पर कम ही लोगों को पता होगा कि पपीते के बीज भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. पपीते के बीज को खाने के लिए आप चाहें तो इनको सुखाकर पीस सकते हैं. पपीते में पर्याप्त मात्रा में आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम पाया जाता है. इससे शारीरिक क्रियाएं तो बेहतर रहती हैं ही, साथ ही अतिरिक्त चर्बी भी जमने नहीं पाती. पपीते के बीजों के सेवन से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं. पपीते के बीज खाने के फायदे: 1. लीवर से जुड़ी समस्या में  पपीते के बीज लीवर के लिए बेहतरीन होते हैं. ये लीवर सिरोसिस में काफी फायदेमंद होता है. आप चाहें तो इसे नींबू के रस के साथ ले सकते हैं.  सुबह खाली पेट इसके बीजों के सेवन से काफी फायदा होता है. 2. जलन होने या सूजन में  अगर आपको त्वचीय जलन हो रही है तो भी आप पपीते के बीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं. शरीर के किसी अंग में सूजन हो तो भी पपीते के बीजों का इस्तेमाल फायदेमंद रहता है. 3. वायरल बुखार होने पर  अगर आप प्रतिदिन पपीते के बीजों का सेवन करते हैं तो  आपको वायरल बुखार...

अल्सर/आंतो में घाव होना : आयुर्वेदिक उपचार

अल्सरेटिव कोलाइटिस बड़ी आंत का रोग हैं, जिसमे बड़ी आंत में घाव, सूजन, या छाले हो जाते हैं। इन छालो में मवाद भर जाती हैं, मल बहुत चिपचिपा आता हैं और इस से बहुत ही गन्दी बदबू आती हैं। शौच करते समय असहनीय पीड़ा होती हैं, कुछ भी खाते पीते हैं तो दस्त लग जाते हैं, पेट में रह रह कर मरोड़ उठती हैं, शौच में पस और खून आता हैं। इस बीमारी में पेट में इतना असहनीय दर्द होता है कि आदमी बुरी तरह छटपटाने और चीखने-चिल्लाने लगता हैं। रोगी को ऐसा लगता हैं के अब अंतिम समय आ गया है। और इसका सही समय पर इलाज ना होने से ये बीमारी पेट के कैंसर का रूप धारण कर लेती हैं। हमारे शरीर की अपनी एक प्रतिरक्षा प्रणाली हैं, जो इसको बाहरी खतरों से बीमारियो से बचाती हैं। जिसको हम इम्यून सिस्टम कहते हैं। मगर हम खुद ही अपने शरीर के दुश्मन बन जाते हैं, जब हम अपने इस अमृत रुपी शरीर को गंदगी से भर देते हैं। जैसे फ़ास्ट फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक्स, चाय, कॉफ़ी, मैदे से बानी हुयी वस्तुए, शराब, मांस, मछली, धूम्रपान, ये सब बुरी आदते हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। अधिक तला हुआ, मसाले वाला, या अधिक पित्त प्रकृति का भोजन ...

लिवर के रोगियों के लिए अमृत हैं ये 4 चीजे।

लिवर हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग हैं। लिवर खराब होने पर शरीर की कार्य करने की क्षमता न के बराबर हो जाती है। आप अपने भोजन में नीचे बताई गयी 4 चीजो को शामिल करे और एक से तीन महीने में लिवर की बीमारियो में जैसे liver Cirrhosis, liver fibrosis, fatty liver, आदि बीमारियो में अपना रिजल्ट देखिये। आइये जाने इनके बारे में। 1. पपीता पपीता लीवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपचार में से एक है, विशेष रूप से लीवर सिरोसिस के लिए। हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं। इस बीमारी से पूरी तरह निजात पाने के लिए इस मिश्रण का सेवन तीन से चार सप्ताहों के लिए करें। 2. आंवला आंवला विटामिन सी के सबसे संपन्न स्रोतों में से एक है और इसका सेवन लीवर की कार्यशीलता को बनाये रखने में मदद करता है। अध्ययनों ने साबित किया है कि आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद हैं। लीवर के स्वास्थ्य के लिए आपको दिन में 4-5 कच्चे आंवले खाने चाहिए। 3. सेब का सिरका सेब का सिरका, लीवर मे...

आर्गन के तेल के फायदे और नुकसान – Argan Oil Benefits and Side Effects in Hindi

आर्गन ऑयल – “Liquid Gold” (तरल सोना), विश्व भर में अपने अतुलनीय स्वास्थ्यवर्धक गुणों के लिए मशहूर है। सुगन्धित एवं पौष्टिक – आर्गन का तेल विटामिन ए और ई, एंटी-ऑक्सीडेंट, ओमेगा-6 फैटी एसिड, ओमेगा-3 फैटी एसिड और लिनोलेनिक एसिड से समृद्ध है। आर्गन के तेल के बहुमूल्य स्वास्थ्य लाभ की वजह से इसे व्यापक रूप से “चमत्कारी तेल” के नाम से भी जाना जाता है। आर्गन ऑयल आर्गेनिया स्पीनोसा (argania spinosa) नामक एक पेड़, जो मोरक्को में बढ़ता है, उसके नट्स से प्राप्त किया गया है। यह तेल दुनिया भर में व्यापक रूप से नहीं मिलता था। लेकिन हाल की खोजों में इस तेल के अन्य स्वास्थ्य लाभों के कारण यह तेल व्यापक रूप से निर्यात होने लगा है। यह तेल आर्गन फल के गूदे से घिरे हुए सख्त नट में पाई 1-3 गुठली में से निकाला जाता है। यह आर्गन आयल का सबसे मशहूर एवं प्रचलित उपयोग है। आर्गन के तेल में पाए जाने वाला ट्रिटेरपेनोइड्स (triterpenoids) नामक तत्व त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है और त्वचाशोथ (dermatitis), दाग, मुंहासे (pimples), झुर्रियां आदि त्वचा संबधित विकारों का उपचार करता है। यह त्वचा की कोशिकाओ...

चिया के बीज के फायदे – Benefits of Chia Seeds in Hindi

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चिया के बीज एक सूपर फूड माने जाते हैं क्योंकि इनमें सेहत को बेहतर करने वाले बहुत सारे पदार्थ हैं| जैसे की कैल्शियम, मैंगनीज, फाइबर, प्रोटीन, जिंक, फास्फोरस और मैग्नीशियम| इनके बहुत सारे फायदे हैं| चिया के बीज के औषधीय गुण (Benefits of Chia Seeds for Health) सूजन कम करे (Reduce Swelling):-  चिया के बीजों के नियमित सेवन से सूजन की परेशानी दूर होती है। एक गिलास पानी में एक चम्मच चिया के बीजों आधे घंटे के लिए भिगोएं। आधे घंटे बाद बीजों वाला पानी गाढ़े घोल में बदल जाएगा। इस घोल को पीने से पाचन प्रणाली बहुत ही अच्छी होती है। इससे फाइबर की उच्च मात्रा मिलती है। सूजन कम करे (Reduce Swelling):-  चिया के बीजों के नियमित सेवन से सूजन की परेशानी दूर होती है। एक गिलास पानी में एक चम्मच चिया के बीजों आधे घंटे के लिए भिगोएं। आधे घंटे बाद बीजों वाला पानी गाढ़े घोल में बदल जाएगा। इस घोल को पीने से पाचन प्रणाली बहुत ही अच्छी होती है। इससे फाइबर की उच्च मात्रा मिलती है। मोटापा घटाए (Reduced Obesity):-  वजन कम करने या मोटापा घटाने के लिए चिया यानि तुलसी प्रजाति के बीज ...

घर पर बनायें प्रोटीन पाउडर और बनायें बौडी – Body Building using Home made Protein in Hindi

घर पर बनायें प्रोटीन पाउडर और बनायें बौडी – Body Building using Home made Protein in Hindi आज कल हर नौ जवान अपनी  बौडी बनाना  चाहता है जिससे वो जौन अब्राहम जैसा दिख सके| इसके लिए कसरत के साथ साथ प्रोटीन पाउडर भी खाना पड़ता है| लेकिन प्रोटीन पाउडर बहुत महँगा होता है – साथ ही इसके कई नुकसान भी हो सकते हैं| आज हम आपको एकआसान तरीका बतायेंगे जिससे आप घर पर ही प्रोटीन पाउडर बना सकते हैं| यह सस्ता है और साथ ही इसके कोई नुकसान भी नहीं हैं| इसे बनाने का तरीका – १) १ कप  बादाम २) १ कप जई ( ओट्स – Oats) ३) १ कप दूध का पाउडर ४) १/२ कप चिया के बीज इन चारों को लेकर मिक्सी में पीस लें ताकि यह पाउडर बन जाए – लीजिए आपका  प्रोटीन  पाउडर तैयार हो गया| हर दिन इसकी चार (४) चम्मच आप दूध, दही या शेक के साथ पी लें – इससे आपका शरीर भी सुडोल और मुस्कूलर बन जायेगा|

कब, कैसे और क्या खाएँ, जानिए स्वस्थ भोजन के लिए आयुर्वेदिक टिप्स

हर कोई जानता है कि हमारा स्वास्थ्य हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म पर निर्भर करता है। पाचन एक महत्वपूर्ण कारक है जो आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। आप क्या और कैसे खाते हैं, यह आपके स्वास्थ्य और उचित वृद्धि और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद ने कुछ खाने के बारे में टिप्स दिए हैं जो आपके स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए योगदान कर सकते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए 11 आयुर्वेदिक सुझाव नीचे दिए गए हैं – 1. भूख लगी हो तभी खाएँ अगर आप केवल तभी खाते हैं जब आपको भूख लगी हो, तो यह आमाशय रस (gastric juice) और शरीर में पाचन एंजाइमों के स्राव में मदद करता है। जब तक आपके शरीर को भूख महसूस ना हो, तब तक ना खाएँ। आपको यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आप अपनी भूख को ना दबाएं, जब आपको भूख महसूस हो रही हो। 2. नियमित अंतराल पर भोजन करें नियमित अंतराल पर भोजन करना, शरीर के पाचन एंजाइमों को निर्धारित समय पर मुक्त करने में मदद करता है, जिससे यह पाचन को आसान बना देता है। 3. भोजन को ठीक से पचने दें खाद्य पदार्थों का गलत संयोजन अपच का कारण बन सकता है। अगर पहले ख...

अलसी के फायदे और नुकसान – Flaxseed Benefits and Side Effects

अलसी के बीज मनुष्य द्वारा खाये जाने वाले सबसे पुराने खाद्य पदार्थों में से एक हैं। आज अलसी पूरे विश्व में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसका अखरोट जैसा स्वाद और सुगंध बहुत सारे लागों द्वारा पसंद किया जाता है। अलसी के बीज की लोकप्रियता के पीछे का कारण इसके पोषक एवं कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने वाले तत्व भी हैं। अलसी के बीज में तीन सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं – ओमेगा -3 फैटी एसिड, लिगनन और म्यूसिलेज। इसके अलावा, अलसी के बीज विटामिन बी 1, प्रोटीन, तांबा, मैंगनीज, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक और सेलेनियम के साथ-साथ दोनों घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से युक्त हैं। अलसी के बीज लस मुक्त भी होते हैं, तो यदि आपको गेहूं से एलर्जी हैं, तो अलसी के बीज आपके लिए एक मूल्यवान विकल्प हैं। अलसी बाज़ार में दो मुख्य रूप से उपलब्ध है – पीले और सुनहरे भूरे रंग। यह आसानी से साबुत, पिसे  हुए, तेल या पूरक के रूप में बाजार में उपलब्ध है। अलसी के दैनिक सेवन से टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर में सुधार लाया जा सकता है। विज्ञान पब्लिक लाइब्रेरी में प्रकाशि...